Thursday, June 17, 2010

ये हिन्दुओ का हिंदुस्तान हैं .............?

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वीर भोग्य वसुंधरा





हम वासी उस देश के , जहाँ पार भरम का खेल ; दिया जले अगम का बिन बाटी , बिन तेल ।


विवेकानंद जी :-


मैं अपनी भारत माता को अपने मन की आखों से देख रहन हूँ


" भारत" देश विश्व के मानस पटक पर विश्व गुरु पद आसीन है ।


जय मां भारती


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sant samelan chandwara 


Hindu santo ke khilaf sajish 

ka parda faash



जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार का हिंदुओं पर जजिया कर


•जम्मु-कश्मीर सरकार द्वारा 1 जुलाई 2010 से माता वैष्णों देवी दर्शनों के लिए अपनी गाड़ियों से जाने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक कार पर 2000 रूपये व तीन दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन की दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है। •इसी प्रकार बाबा अमरनाथ यात्रा पर अपनी गाड़ी से जाने वाले श्रद्धालुओं से 2000 रूपये एंट्री फीस और सात दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है। •श्रद्धालुओं एवं लंगर संस्थाओं से तुगलकी फरमान जारी करके जजिया कर वसूल किया जा रहा है। जजिया रूपी टैक्स को 300 से बढ़ाकर सीधा 2300 कर दिया गया है, जो कि आठ गुना है। •इसी तरह से माता वैष्णो देवी व अमरनाथ यात्रियों को लेकर आने वाले वाहन पर भी 24 सौ रुपये टैक्स लगा दिया गया है। •पिछले कई सालों से लंगर लगाने वाले स्थल को भी कम कर दिया गया है, वहीं लंगर कमेटियों को अपने ही देश में पहचान पत्र लाजिमी कर दिया गया है। हिंदुओं को जलील करने की इससे घटिया कार्यवाही और क्या होगी कि अपने ही देश के एक हिस्से में प्रवेश के लिए वीजा फीस वसूली जा रही है, जिसकी राशि 25,000 रुपये है। जो कि दुनिया के सभी देशों से ज्यादा है। •सरकार की दोगली वोट बैंक की राजनीति बेहद अफसोसजनक है। एक ओर जहां हज यात्रियों को सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अपने ही देश में हिंदुओं से जजिया कर वसूला जा रहा है। •अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्से से यहां आकर लोग लंगर लगाते हैं। इन्हें सहयोग करने के बजाए सरकार सिक्योरिटी मनी के नाम पर 25 हजार रुपये जमा करा रही है। यह राशि उन्हें वापस नहीं की जाएगी। •केन्‍द्र सरकार की कमजोर नीतियों की वजह से आज हिन्‍दुस्‍तान में देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो रही हैं, जिसका प्रत्‍यक्ष उदाहरण जम्‍मू कश्‍मीर सरकार द्वारा हिन्‍दुओं पर लगाया गया जजिया कर है। •सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए।


HUMARE HI DESH MEY HAMARE UPER HI 


ATYA CHAR HOO RAHE HAI .


EXAMPLE  :- SHRAIN BOARD KAND 
                          CHINDWARA MEY MAA JAGDAMBA KE UPER MASS KE TKDE PEKE   
                           GYE   
                   :  DELHI MEY KHEL MOHOTASV KE SAMY GOON MASS KHULE               
                      AMM BECHA GYA 
                 :   SAB KE HARDYA MEY BASNE WALE RAM KO BOLA JA RAHAN HAI KI   
                        WO EK KALPANIK KATHA HAI. OR ESI SARKAR KA HUM HINDU      
                       SAMRTHAN KARTE HAI.   ESI SARKAR KOO JAD SE UKHAD DENA CHIYE.
                   


               :HINDU SANTO PER KICHAD  UCHALA  JATA HAI.PRIVATE NEWS CHANNELS     DUWARA. OR HUM HINDU US KA KOI VIRODH NAHI KARTE .KYA KABHI CHRISHTAN YA MUSLIM DHARMA KE BARE MEY ESA KABHI KIYA GYA HAI KYA . KABHI RAM DEV PER ,TO KABHI HAMARE SANKARACHRIYA PER, TOO KABHI ASHARAM JI BAPU PER.
     
 :AREE IN  PRIVATE NEWS CHANNEL NE TOO SAI BABA KE UPER BHI YOON SHOSHAN KA AROOP LAGA DIYA THA. OR HUM NE IN NEWS CHANNELO KA TAB BHI VIRODH NAHI KIYA .





Kuldip Kumar Dogra dies for Amarnath Temple cause 
Dead body of young Hindu boy killed by police firing in Jammu Cops beat a Hindu demonstrator during a protest in
Nagrota, Jammu Police deliberately shot Hindu protesters in the head to scare people in Samba, Jammu Police brutality against Hindus in Jammu Police acting like Barbarians Relatives of youths killed in Samba police firing wailing during the funeral processionPolice manhandle Hindu woman protester in
Jammu
_ Rally against Kashmiri political terrorism in Jammu Demonstrators cross river as they head towards Jammu after army closes Akhnur ब्रिद्गे

ब्रिद्गे





भारतीय जनता पार्टी


मजबूत नेता निर्णायक सरकार






एक करोड़ से भी ज्यादा बंगला देसी आज भारत मे है। घुस गये है .और वो देश के लिए कितना बड़ा खतरा है हम सोच भी नहीं सकते । लेकिन कांग्रेस को बोट बैंक की राजनिति करनी है । .आज बंगलादेश मे हिन्दू का शोषण हो रहन है .हमारी हिन्दू लडकियो से बलात्कार किया जा रहन है । मैंने जब एक न्यूज़ चंनल पैर एक हिन्दू लड़की से सामूहिक बलात्कार की न्यूज़ सुनी । उस की माँ कहती है । मेरी बेटी से सामूहिक मत करो एक एक कर के जाओ । हम अनुमान नहीं लगा सकते की । क्या बीत रही उस समय उस माँ पर ।यह सुन कर उस माँ का तो क्या किसी का भी हृदय फट जाये तू उस हिन्दू माँ ने कैसी सहें किया हो गा । लेकिन इस से उन्हें क्या परक पड़ता है । आस्‍ट्रेलिया में एक भारतीय मुस्लिम युवक मोहम्‍मद हनिफ को ग्लासगो हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमले की योजना क्रियान्वित करने के षड्यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया तो मनमोहन जी की रातों की नींद उड़ गई और उन्‍होंने वक्‍तव्‍य दिया कि उनको रात भर नींद नहीं आई कि उसकी मां पर क्‍या बीत रही होगी। उस आतंक वादी के बारे मे सोच है है । मनमोहन जी इस से तो तोआतंकवादियों को होसले और बदें गे ।

कांग्रेस है क्या इन्द्र गाँधी ,राजीव गाँधी ,सोनिया गाँधी ,राहुल गाँधी, इसी का नाम कांग्रेस है ,। आज कांग्रेस के राज मे आतंकवाद कितना पंप चूका है मुझे बतलाने की जरुरत नहीं .अफजल को मेहमान बनाकर रखा जहा रहन है .aरे नेताओ कम से कम मेरे जवानो की तरफ तू देख लिया होता .उन विधवाओ की तरफ ,उन्माओ की तरफ । नहीं तुम क्यूँ देखो गे तुम्हे तो अपनी वोट बैंक देखना है .।जमू मे हिन्दू की जमीं छिनी गयी .बंगलादेश मे हिन्दुओ के सामने गाये को काटा गया ।और यहाँ बांग्लादेशियों को कांग्रेस बड़े प्यार से रख रही है ।
मेरे ही देश मे मेरे राम ही राम का मंदिर नहीं बनपा रहन है । कांग्रेस कहती है .की आर अस अस को बंद करो अरे तू क्या बचो को न्नंगा नाच दिखाए फिल्मो का या हमारी संस्कृति उच्च संस्कारो की साँस कृति है । सिमी एक आतंक वादी संघटन है । उस को क्यूँ नहीं बंद करते ।
.एक हिन्दू घर को जलाया गया .४ हिन्दुओ जो उस घेर मे थे .उनको जिन्दा जलाया गया . लेकिन यहाँ बांग्लादेशियों को कांग्रेस का समर्थन है .वो खुल के कहते है की हमारे साथ कांग्रेस के बड़े नेता साथ है। आज हमारी राम को बोला जाता है की राम हैं ही नहीं। अरे जरा मुस्लिम को बोल कर देखो ,क्रिशन को बोल कर देखो । न्यूज़ मे भी हिन्दू धरमकी गलतियाँ द्खियी जाती है ।क्या .· हमारे संत par भी किचर उच्चले जा रहे है .कभी हमारे संकराचारिया पर .तू कभी राम देव पर
आश्रम जी बापू पर तू खूब गलत प्रचार किया लेकिन जो a2z चैनल ने सच्यी दिखयी तो बाकि चंनेलो ने उस सच्यी को नहीं दिखयी . क्या सभी जो गलतियाँ है । सिर्फ हिन्दू संतो मे ही है। और धर्मो के बरी मे क्यूँ नहीं दिखाते ये सब । हमे तो ये भी बोला जाता है की राम है ही नहीं । किसी दुसरे धरम के बारे मे एसा बोल भी नहीं सकते । सिर्फ एक कार्टून बनाए ही पूरी दुनियां मे हल्ला मीच गया था । यहाँ सब के मन मे जो राम बसे है बोला जाता है की वो है ही नहीं ।



मनामोहन सिंह जी की 


नींद नही उडती




सीआरपीएफ के 78 जवानों को नक्‍सलियों ने दंतेवाडा में घात लगाकर चारों तरफ से 
घेर कर मौत के घाट उतार दिया तब · एक सामान्‍य यात्री बस को नक्‍सलियों ने बम से उड़ा दिया जिसमें कि 50 मासूम व्‍यक्तियों और बच्‍चों की जान गई तब मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ी। · पश्चिम बंगाल के झारगांव में ज्ञानेश्‍वरी एक्‍सप्रेस को नक्‍सलियों रेलवे ट्रेक को बम लगा कर उड़ा दिया जिसमें की 150 बेगुनाहों की जान चली गई और सैकडों लोग घायल हो गए लेकिन तब भी मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ी। · आस्‍ट्रेलिया में आए दिन भारतीयों पर हमले हो रहें और वे वहां अपनी जान गंवा रहें हैं लेकिन तब भी मनमोहन सिं जी की नींद नहीं उड़ी।
बीएसएफ के एक पूर्व अधिकारी को कनाडा ने केवल इसलिए वीजा देने से मना कर दिया क्‍योंकि वे बीएसएफ में कार्यरत थे और उनके अनुसार बीएसएफ एक हिंसक संगठन बल है जो कि लोगों की जान लेता है। इतना अपमान होने के बाद भी मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ी। · घाटी से उजाड़ गए कश्‍मीरी पंण्डितों को आज भी घाटी में बसाया नहीं जा सका और वे आज भी अपने ही देश में विस्‍थापितों की सी जिंदगी जीने को मजबूर हैं तब भी उनके दर्द को देखकर मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ती। · करोडो हिन्‍दुओं की आस्‍था के प्रतिक रामसेतु को तोड़ा जाता है। और जो राम हर भारतीय के मन-मन में बसें हैं उनको केवल काल्‍पनिक पात्र बताकर हंसी उड़ाई जाती है तब मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ती। संसद की रक्षा में शहीद हुए वीरों के परिजनों ने जब अलंकरण लौटाए, तब मनमोहन सिंह जी की नींद नहीं उड़ी। क्‍योंकि आज तक यह सरकार संसद हमले के मास्‍टर मांईड अफजल गुरू को कोर्ट के आदेश के बावजूद फांसी नहीं दे सकी। मलेशिया में हिन्दुओं के इस्लाम में जबरन मतांतरण के समाचार आने पर भी मनमोहन जी की नींद नहीं उड़ती। आज सुरसा की तरह बढ़ती महंगाई से चारों तरफ त्राही-त्राही मची है जिसके अंदर आम इंसान पीसता जा रहा है। कड़ी मेहनत करने के बावजूद वह दो वक्‍त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पाता है। तब मनमोहन जी की नींद नहीं उड़ती। जिन गरीबों के वोट से आज वे सिंह से किंग बने हैं उनके आंसूओं को देखकर भी उनकी नींद नहीं उड़ती।


मनमोहन जी की 


नीन्द कब उडती है





आस्‍ट्रेलिया में एक भारतीय मुस्लिम युवक मोहम्‍मद हनिफ को ग्लासगो हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमले की योजना क्रियान्वित करने के षड्यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया तो मनमोहन जी की रातों की नींद उड़ गई और उन्‍होंने वक्‍तव्‍य दिया कि उनको रात भर नींद नहीं आई कि उसकी मां पर क्‍या बीत रही होगी।आस्‍ट्रेलिया में एक भारतीय मुस्लिम युवक मोहम्‍मद हनिफ को ग्लासगो हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमले की योजना क्रियान्वित करने के षड्यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया तो मनमोहन जी की रातों की नींद उड़ गई और उन्‍होंने वक्‍तव्‍य दिया कि उनको रात भर नींद नहीं आई कि उसकी मां पर क्‍या बीत रही होगी। मनमोहन जी उन माताओं के बारे में भी जरा सोचिए जिनके बच्‍चों को आतंकवाद, नक्‍सलवाद के कारण अपनी जान गवानी पड़ी हैं। और उसके लिए आपकी गलत नीतियों ही जिम्‍मेदार हैं। विकृत वोट बैंक राजनीति और मुस्लिम तुष्टीकरण को सेकुलरवाद का जामा पहना दिया गया है उससे यथार्थ सेकुलरवाद अर्थात् बहुलता का सम्मान और सर्वपंथ समभाव को ही चोट पहुंचती है।






bhara nhi jo bhawo se bhahti jis mey ras ki dhar nhi.
hardya nhi wo pathar hai . jise apne desh se pyar nhi.


jai maa bharti. 
 


            
 


जय श्री राम
Man disfigured by New Delhi blasts

Wednesday, May 19, 2010

क्षत्रियों की कुर्बानियों के कारन ही च्कर्वती राजा भरत का यह " भारत" देश विश्व के मानस पटक पर सीना ताने खड़ा है

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जो द्रढ़ राखे धर्म को तिही राखे करतार,
या कुल की रित है जानत है संसार


राजपूतो के बिना इतिहास खाली है। वो बहादुरी की मिसाल खाली है।


राजपूतो ने इस धरती माँ को लहू से सींचा है।


इसीलिए कुरुक्षेत्र की धरती पर आज भी लाली है .

जय राजपूताना 


एक चिंघाड़ की याद कराता हूँ


आज तुम्हे राजपूतो के सबसे प्यारे आभूषण तलवार के बारे में बताता हूँ
ये तो युगों से स्वामीभक्ति करती रही अपने होठो से दुश्मन का रक्तपात करती रही
अरबो को थर्राया इसने,पछायो को तड़पाया भी गन्दी राजनीती से लड़ते हुए भी हमारा सम्मान करती रही
ये ही तो राजपूतो आओ मित्रवर मेरी बात सुनो का असली अलंकार हैं से तो शुरू राजपूतो का संसार है इसके हाथ में आते ही शुरू संहार है .


इसके हाथ में आते ही दुश्मन के सारे शस्त्र बेकार है .जीवो के बूढा होने पर उसे तो नहीं छोड़ते तो तलवार को क्यों छोड़ दिया बूढे जीवो को जब कृतघ्नता के साथ सम्मान से रखते हो


तो मेरे भाई तलवार ने कौन सा तुम्हारा अपमान किया इसी ने हमेशा है


ताज दिलाये इसी ने दिलाया अनाज भी जब भी आर्यावृत पर गलत नज़र पड़ी तब अपने रोद्र से इसने दिलाया हमें नाज़ भी इसी ने दुश्मन के कंठ में घुसकर उसकी आह को भी रोक दिया


जो आखिरी बूंद बची थी रक्त की उसे भी अपने होठो से सोख लिया मैं तो सच्चा राजपूत हूँ इतनी आसानी से कैसे अपनी तलवार छोड़ दूँ
मैं तो क्षत्राणी का पूत हूँ मैं कैसे इस पहले प्यार से मुह मोड़ लू .



कँवर विक्रांत सिंह



vikrantchauhan73@yahoo.com cont-: 09540549049

Tuesday, May 18, 2010

भैरोंसिंह शेखावत ने इहलोक को कहा अलविदा


बिना तेज के पुरुष की अवशि अवज्ञा होय।
आगि बुझे ज्यों राख की आप छुवै सब कोय।

उनके विराट व्यक्तित्व को शत शत नमन और अश्रुपूरित श्रधांजलि.

Bharo Singh Shekhawat is one of the best leader of our country. He was powerful and honest . He was totally devoted to his party. He work for his party till his life. May God give peace to his soul.
and i have lost our rajput nationnal leader .

He was indeed a son of the soil who rose from the ranks. He was a tall figure in the world of political dwarfs. He was steadfast in his political views and rose to the highest ranks in the country.
He was the right candidate for the post of the President of India but numbers eluded him.
We lost a good leader.It is not possible to fill his space.
We salute the greater rajput soul ……. and i hope they will come back (re-birth) in our community

main bhagwan se prathna karta hoon ki .bhagwan unki atama ko santi de .
And May his soul rest in peace.

kanwar vikrant singh
vikrantchauhan73@yahoo.com
09540549249

Friday, May 14, 2010

Vivekananda's Speeches Chicago, Sept 27, 1893












The World's Parliament of Religions has become an accomplished fact, and the merciful Father has helped those who laboured to bring it into existence, and crowned with success their most unselfish labour.

My thanks to those noble souls whose large hearts and love of truth first dreamed this wonderful dream and then realized it. My thanks to the shower of liberal sentiments that has overflowed this platform. My thanks to this enlightened audience for their uniform kindness to me and for their appreciation of every thought that tends to smooth the friction of religions. A few jarring notes were heard from time to time in this harmony. My special thanks to them, for they have, by their striking contrast, made general harmony the sweeter.

Much has been said of the common ground of religious unity. I am not going just now to venture my own theory. But if any one here hopes that this unity will come by the triumph of any one of the religions and the destruction of the others, to him I say, "Brother, yours is an impossible hope." Do I wish that the Christian would become Hindu? God forbid. Do I wish that the Hindu or Buddhist would become Christian? God forbid.

The seed is put in the ground, and earth and air and water are placed around it. Does the seed become the earth, or the air, or the water? No. It becomes a plant. It develops after the law of its own growth, assimilates the air, the earth, and the water, converts them into plant substance, and grows into a plant.

Similar is the case with religion. The Christian is not to become a Hindu or a Buddhist, nor a Hindu or a Buddhist to become a Christian. But each must assimilate the spirit of the others and yet preserve his individuality and grow according to his own law of growth.

If the Parliament of Religions has shown anything to the world, it is this: It has proved to the world that holiness, purity and charity are not the exclusive possessions of any church in the world, and that every system has produced men and women of the most exalted character. In the face of this evidence, if anybody dreams of the exclusive survival of his own religion and the destruction of the others, I pity him from the bottom of my heart, and point out to him that upon the banner of every religion will soon be written in spite of resistance: "Help and not fight," "Assimilation and not Destruction," "Harmony and Peace and not Dissension."

Wednesday, May 12, 2010

ek desh kaise gulam hota hai ,ager hum kisi dusre desh ki bhasha bole or unhike rahan sahan .or unhiki tarahan hona chahen ...too wo desh bhut jaldi gulam banaya ja skta hai . aaj hum apne desh ka naam bhi bhul gye hai .abhi hum india bolte hai jo british ka diya hua hai .bharat nahi jo .hamari apni pahchan hai .........?china .japan ke log apni sabhatya nhi bhule or apni bhasa ka hi pryag karte hai .is se unmey desh bhagti..aaj umara uva andar se khokla hota jaa rahan hai ........kahan too vivekanand ,raman mahrishi jaise sant or kahan aaj kal actres .ab hum ek acres se kya sikh skt hai or ek sant se kya sikh skte hai .....?