Tuesday, June 5, 2012

रणवीर सेना .....



मुखिया राष्ट्रवाद को समर्पित थे  ............







बिहार में उच्च जातियों के संगठन रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह की आरा जिले में गुरुवार सुबह निर्मम हत्या कर दी गई।. रणवीर सेना भारत के बिहार राज्य की एक निजी सेना है जो माओवादियों के खिलाफ हमले करती है. रणवीर सेना की स्थापना 1995 में मध्य बिहार के भोजपुर जिले के गांव बेलाऊर में हुई.दरअसल जिले के किसान भाकपा माले (लिबरेशन ) नामक नक्सली संगठन के अत्याचारों से परेशान थे और किसी विकल्प की तलाश में थेकोई विकल्प मिलने के कारण. ऐसे किसानों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर छोटी-छोटी बैठकों के जरिये संगठन की रूपरेखा तैयार की.बेलाऊर के मध्य विद्यालय प्रांगण में एक बड़ी किसान रैली कर रणवीर किसान महसंघ के गठन का ऐलान किया गया.तब खोपिरा के पूर्व मुखिया बरमेश्वर सिंह,बरतियर के कांग्रेसी नेता जनार्दन राय,एकवारी के भोला सिंह,तीर्थकौल के प्रोफेसर देवेन्द्र सिंह,भटौली के युगेश्वर सिंह,बेलाउर के वकील चौधरी ,धनछूहां के कांग्रेसी नेता डॉ.कमलाकांत शर्मा और खण्डौल के मुखिया अवधेश कुमार सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई.इन लोगों ने गांव -गांव जाकर किसानों को माले के अत्याचारों के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए प्रेरित किया.जिस समय रणवीर किसान संघ बना उस वक्त भोजपुर के कई गांवो में भाकपा माले लिबरेशन ने मध्यम और लघु किसानों के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी लगा रखा था. करीब पांच हजार एकड़ जमीन परती पड़ी थी. खेती बारी पर रोक लगा दी गयी थी और मजदूरों को खेतों में काम करने से जबरन रोक दिया जाता था. कई गांवों में फसलें जलायी जा रही थीं और किसानों को शादी-व्याह जैसे समारोह आयोजित करने में दिक्कतें रही थी. इन परिस्थितियों ने किसानों को एकजुट होकर प्रतिकार करने के लिए माहौल तैयार किया.



रणवीर सेनाके संस्थापक रहे ब्रहमेश्वर सिंह ( ब्रहमेश्वर मुखिया ) की हत्या से एक बार फ़िर रणवीर सेना के विषय में लिखा- पढ़ा जा रहा है | ब्रह्मेश्वर मुखिया पिछले साल ही जेल से रिहा हुए थे और मुखिया को जब गिरफ्तार किया गया था तो उनके पास से एक लाल डायरी भी बरामद की गयी थी | उस लाल डायरी को उस दौर में पत्रकार मधुरेश ने अखबरों में खूब छपा था | उन्ही अखबारी कतरनों में काफी -कुछ लिखा था जिससे ब्रह्मेश्वर मुखिया की सोच और रणवीर सेना से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आते हैं |

डायरी बताती है कि मुखिया पर महात्मा गाँधी की यह चर्चित टिप्पणी हावी हैअंग्रजों ने हथियार छिनकर नपुंसक बनाया | डायरी में यह दर्ज भी है | इसी समझ के बूते मुखिया , संगठन कि हथियारबंद जमात पर खासा जोर दिए रहे | डायरी में शुरू में संस्कृत श्लोक लिखा है जिसका भावानुवाद है कि राष्ट्र और समाज को हमेशा जगाये रखेंगे | ‘राजधर्म सरबस इतनोई , जिमी मन माह मनोरथ गोई ‘ ( तुलसीदास ) | और फ़िर सेल्युलोज ग्लिसरीन पर सान्द्र सल्युतिक एसिड की उपस्थिति में सान्द्र नाइट्रिक असिड की प्रतिक्रिया कराने पर विस्फोट होता है | चंद कोड वार्ड भी मौजूद थे डायरी मेंसामूहिक नरसंहार (++) परिवार समेत सफाया ( + ) व्यक्ति सफाया ( ) , विचार के बड सफाया (बी ) सतर्क नजर ( सी) अपनेआप में रहस्यमय अर्थ के लिए ये वाक्य मौत का काफिला कहलाने वाली रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर मुखिया के हैं | जो उन्होंने एक डायरी में दर्ज किये | डायरी में सेना के दोस्त / संरक्षक , दुश्मनों के नामपते , उसके उद्भवविकास , आर्थिकसैन्य स्तरसहयोग आदि पूरी कहानी दर्ज है | डायरी में मायसीन , पोटाश , गंधक , शोर , डेटोनेटर , दूरबीन , बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने कि बात है तो सम्पन्नता . सम्वेदाम्शिलता , समता . ममता , ईमानदारी , वफादारी , शराफत , शक्ति , सामर्थ्य , सुरक्षा शांति सरीखे सुनहरे शब्दों का भी खूब जिक्र है |

चेन आफ लीडरशिप , औरतबच्चों की हत्या से परहेज , भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई , समाज के युवकों की नौकरी का प्रयास | जाहिर तौर पर इन सुपर आर्डर के परखच्चे उड़े | मुखिया ने अपनी कविता में शायद इसी से जुड़ी मजबूरियां बयां की थीशपथ लेना तो सरल है पर निभाना कठिन ; साधना का पाठ कठिन , मद भुलाना कठिन | मुखिया ने लिखान्याय: मम धर्म ; करमुक्त कृषि , भयमुक्त किसान तभी होगा भारत महान |

रणवीर सेना कश्मीर में हिन्दुओं के लिए हिमगिरी प्रदेश चाहती है | उसकी माने तो ऐसा करने पर ही थोक लाशें गिरनी बंद होगी | सेना सुप्रीमो बरमेश्वर मुखिया ने अपनी डायरी में ऐसे कई और अरमान दर्ज कर रखे थे , जो शायद पूरे ना हो | डायरी के कई पृष्ठ जम्मू- कश्मीर को समर्पित हैं | इसमें भारत विभाजन , पर्यटकों कि संख्यां , आतंकी वारदातों , केन्द्रीय अनुदान , प्रति व्यक्ति आय , चुनावयानी सब कुछ दर्ज है | मुखिया ने लिखा हैकश्मीर को दो भागों बंट झेलम के उत्तेरपूर्व के हिस्से को हिन्दुओं का प्रदेश घोषित किया जाए | जम्मू , कठुआ उधमपुर , डोडा पूंछ को मिलाकर हिमगिरी प्रदेश बनाया जाए | लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेश बने | डायरी में धारा ३७० के विरोध , सामान नागरिक संहिता की वकालत , राम मंदिर , मथुरा काशी की मुक्ति कि भी बात कही गयी है | यह भी कि रणवीर सेना के उदय पर रिसर्च होगा | इसके लिए जे एन यू के छात्रों से मदद लेने की बात | मंदिर जीर्णोद्धार समिति का गठन कर जर्जर मंदिरों का उन्नयन भी सेना के कार्यकर्मों में है | गाय- सांड का चमड़ा उतरने वाले कसाईयों को दंड देने की बात तो कई जगह दर्ज है | ग्रामीण उत्थान के सूत्रयोजनाओं का ग्रामीणीकरण , गाँवो का औद्योगिकीकरण , उद्योगों का श्रमिकरण , श्रमों का पूंजीकरण , पूँजी का विकेंद्रीकरण | डायरी में मुखिया ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय केएकात्म मानववादको प्रेरक बताया है | डायरी में भगवान परशुराम की यह टिप्पणी दर्ज हैअनीति ही वस्तुत: हिंसा है | शांति कि स्थापना के लिए प्रयुक्त अशांति सराहनीय है | धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए यही कर्म अपनाया जाता रहा है
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