Monday, December 10, 2012

"पिंजरे में बंद शेर "





जेल मे बंद डकेत फूलन देवी के कातिलके रूप में तो " शेर सिंह राणा " को सब जानते हे,पर देश
के एक महान सम्राट के सम्मान को बनाये रखने के लिए ...उसने वो कर दिखाया जो न तो कोई
भारतीय कर पाया न भारत सरकार,पर जब इस जेल में बंद शेर को कही से एक जानकारी मिली
की अफगानिस्तान मे मोहमद गौरी की मजार के बाहर अंतिम हिन्दू सम्राट " पृथ्वीराज चौहान "
की अस्थिया रखी गई है जिन्हें आज तक वहां जाने वाला हर शख्श अपमानित करता है !

इतना सुनते ही इस "पिंजरे में बंद शेर " ने ठान लिया की वह उन अस्थियो को ससम्मान हिंदुस्तान लेकर आयेगा !

देश की सबसे मजबूत जेल"तिहाड़" को तोड़ कर उन्होंने अफगानिस्तान जाने का सोचा,और उन्होंने
वो कर भी दिखाया,पूरा देश अचंभित हो गया की तिहाड़ से निकल कर वो अफगानिस्तान पहुचे
तथा 812 वर्षो से अपमानित की जा रही पृथ्वीराज चौहान की अस्थियो को अपने केमरे मे डाल
कर भाग निकले व वहा से अपनी माँ के नाम उन अस्थियो को कोरियर कर दिया !

भला जेल से भागने के बाद कोई अपनी जान फिर क्यों जोखिम मे डालेगा ." शेर सिंह राणा
" वो शेर है जिसने इस युग मे भी वास्तविक क्षत्रिय धर्म के अनुरूप जीवन जिया है !

३५ साल की उम्र मे उन्होंने वो कर दिखाया जो कोई ना कर सका !
उन्होंने वो किया जो एक बेटा अपने पिता के लिए करता हे,उनकी अस्थियो का विसर्जन इसलिए
मेने उन्हें सम्राट का बेटा कह कर संबोधित किया हे,शायद पूर्वजन्म में वो सम्राट पर्थ्वीराज चोहान
के बेटे रहे हो और पिछले जन्म का कर्ज उन्होंने इस जन्म में पूरा किया हो,अफगानिस्तान से
लोटने बाद उन्होंने 2006 मे कोलकाता मे सरेंडर किया !

आज वो तिहाड़ की जेल नंबर २ की हाई रिस्क बेरक मे बंद है ! 11 वर्षो से जेल मे बंद इस असली
सरफ़रोश के जिन्दगी के पहलु सब के साथ बांटे ......................जय हिन्द , जय भारत

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