Monday, December 17, 2012

डकैत पान सिंह



मजबूर होकर हथियार उठाने वाले डकैत पान सिंह के बारे में कम ही लोग जानते हैं। चंबल के एक गांव के निवासी पान सिंह सात साल तक लगातार एथलेटिक्स के नेशनल चैंपियन रहे, मगर हालातों से मजबूर होकर वह डकैत बन गए। अपनी जमीन का हक पाने के लिए वे आठ साल तक जूते घिसते रहे। आखिर हालात से विवश होकर उन्होंने बंदूक उठाने का निर्णय लिया।


भारत के गुमनाम  एथलीट पान सिंह तोमर  के जीवन के बारें मे मैं अपने ब्लॉग पर  2 बार लिख रहा हूँ . पहली बार जब मैंने उनकी फिल्म पान सिंह तोमर देखि थी .
पान सिंह तोमर एक राजपूत परिवार से थे . 300  000 मीटर स्टीपलचेस में सात बार के राष्ट्रीय चैम्पियन, 1958 के 
टोक्यो एशियन खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सूबेदार पान सिंह तोमर को चम्बल का नामी डकैत बनना पड़ा था... और एक अक्तूबर 1981 को पुलिस एनकाउन्टर में उनकी मौत हुई..

             किसी ने सहीं कहाँ है लोहे को लोहा की काट  सकता है . येही बात लागु होती है पान  सिंह तोमर  पर भी .
अर्जुन सिंह  उस समय के  मुख्या मंत्री  राजपूत थे .
एस .पी  चौहान  जिन्हें पान सिंह तोमर को  जिन्दा या मुर्दा  पकड़ने का  जेम्मा सोप गया . एस .पी  चौहान भी राजपूत ही थे .
पान सिंह तोमर भी राजपूत परिवार से ही थे .

अब यहाँ अर्जुन सिंह भी राजपूत, एस .पी  चौहान , पान सिंह तोमर भी राजपूत ही थे .  सहीं है एक शेर को मुकाबला  एक शेर ही कर सकता है . नाकि कोई गिदर ..इसी लिए सर्कार ने एक राजपूत को इस का जुमा सोप्पा .   हमारे राजपूतो के विनाश का कारन भी हम राजपूतो का आपसी मतभेद है  इस का  इतिहास  गवा है 
अगर  कोई राजपूतो का दुश्मन है  वो हमारे आपसी झगडे है . इतिहास से हमे प्रेरणा लीनी चाहियें .

अब मैं आप को पास सिंह तोमर के  एनकाउंटर  के बारें मे मुझे जो जानकारी मिली है उसे मैं आप सब से साझा करना चाहता हूँ।

उस समय के D.S.P एस .पी  चौहान  थे .आज तक पर बताया की वो बड़े निडर व्यक्ति  थे . उस समय अर्जुन सिंह की  सरकार  थी .और  एस .पी  चौहान को इस का जिम्मा  सोप गया .

               अर्जुन सिंह ने पान सिंह तोमर को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने के लिए पूरी फोरस लगा दी थी . दिल्ली  से 10,000 हजार सैनिक मंगवाएं  गये . उस समय पान सिंह तोमर पर करोड़ो रूपये  खर्च हुए .परन्तु  पान सिंह तोमर  को पकड़ने मे चौहान और अर्जुन सिंह के पसीने छुट  गयें . एक  बिगड़े  हुए राजपूत का सामना  राजपूत ही कर सकता है . इस बात का अर्जुन सिंह को भली  बहाती  पता था .

               पान  सिंह तोमर से आमने सामने की लडाई हुयी . परन्तु   कोई सफलता नही मिली . वहां  उन्होंने  एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी का झांसा  दिया .और पान सिंह के बारें मे जानकारी ली . धोके  से पान सिंह तोमर पर फायरिंग  हुयी .और  सुबह 03:30 पान सिंह तोमर की मौत  हो गई .

     एक सैनिक जिसने अपनी  अधि से ज्यादा जिंदगी अपने देश  की सेवा के लिए दी . और देश का नाम रोशन किया .आखिर  क्यूँ उन्हें हत्यार  उठाने  की जरुरत पड़ी .
    हमारी सरकारों को देश भगतो  को कोई चिंता नही है . हाँ  जिन्होंने हजारो लोगो को  मारने वाले अफजल गुरु जैसे देश द्रोहियों  को पूरी सहूलियत , हीरो बना  कर रखा गया है .

बड़ी शर्म की बात है  हमारे सेकुलर   नेता  भी फांसी  माफ़ करने की मांग कर रहे है .
अगर पान सिंह के साथ इंसाफ होता तो शयदडकैत पान सिंह नही सूबेदार पान सिंह होते .



हम आज एक बनेर  के नही है .इसका फायेदा राजनीती मे भी उठाया जा रहा  है . 
आप से हरयाणा   के पुलिस फाॅर्स  आंकड़े साझा करूँगा . हरयाणा मे  33 % राजपूत है  परन्तु  पुलिसे  भारती मे केवल 1% राजपूतो  की भी भारती की गयी .हमारे पास  सब कुछ है  राज हमारे पास थे ,जमीने हमारे पास थी फिर भी हम  हम बिखरे हुए है। आपसी तनाव  आपसी झगडे . . 

अब बदलाव  का समय है . 

क्षत्रियों की कुर्बानियों के कारन ही च्कर्वती राजा भरत का यह " भारत" देश विश्व के मानस पटक पर सीना ताने खड़ा है 


पान सिंह तोमर के कुछ  चित्र आप से साझा कर रहा  हूँ .














की मौत हुई..

Monday, December 10, 2012

"पिंजरे में बंद शेर "





जेल मे बंद डकेत फूलन देवी के कातिलके रूप में तो " शेर सिंह राणा " को सब जानते हे,पर देश
के एक महान सम्राट के सम्मान को बनाये रखने के लिए ...उसने वो कर दिखाया जो न तो कोई
भारतीय कर पाया न भारत सरकार,पर जब इस जेल में बंद शेर को कही से एक जानकारी मिली
की अफगानिस्तान मे मोहमद गौरी की मजार के बाहर अंतिम हिन्दू सम्राट " पृथ्वीराज चौहान "
की अस्थिया रखी गई है जिन्हें आज तक वहां जाने वाला हर शख्श अपमानित करता है !

इतना सुनते ही इस "पिंजरे में बंद शेर " ने ठान लिया की वह उन अस्थियो को ससम्मान हिंदुस्तान लेकर आयेगा !

देश की सबसे मजबूत जेल"तिहाड़" को तोड़ कर उन्होंने अफगानिस्तान जाने का सोचा,और उन्होंने
वो कर भी दिखाया,पूरा देश अचंभित हो गया की तिहाड़ से निकल कर वो अफगानिस्तान पहुचे
तथा 812 वर्षो से अपमानित की जा रही पृथ्वीराज चौहान की अस्थियो को अपने केमरे मे डाल
कर भाग निकले व वहा से अपनी माँ के नाम उन अस्थियो को कोरियर कर दिया !

भला जेल से भागने के बाद कोई अपनी जान फिर क्यों जोखिम मे डालेगा ." शेर सिंह राणा
" वो शेर है जिसने इस युग मे भी वास्तविक क्षत्रिय धर्म के अनुरूप जीवन जिया है !

३५ साल की उम्र मे उन्होंने वो कर दिखाया जो कोई ना कर सका !
उन्होंने वो किया जो एक बेटा अपने पिता के लिए करता हे,उनकी अस्थियो का विसर्जन इसलिए
मेने उन्हें सम्राट का बेटा कह कर संबोधित किया हे,शायद पूर्वजन्म में वो सम्राट पर्थ्वीराज चोहान
के बेटे रहे हो और पिछले जन्म का कर्ज उन्होंने इस जन्म में पूरा किया हो,अफगानिस्तान से
लोटने बाद उन्होंने 2006 मे कोलकाता मे सरेंडर किया !

आज वो तिहाड़ की जेल नंबर २ की हाई रिस्क बेरक मे बंद है ! 11 वर्षो से जेल मे बंद इस असली
सरफ़रोश के जिन्दगी के पहलु सब के साथ बांटे ......................जय हिन्द , जय भारत

Friday, November 23, 2012


वरुण गाँधी (भा.ज.पा.के MP) ने जब हिन्दुओ को हाथ लगाने वाले के हाथ काटने वाली बात कही थी तो मीडिया हर 15 मिनट मैं उस न्यूज़ को 3 दिन तक दिखाता रहा। पर आज जब मुस्लिम MLA ने हैदराबाद मैं खुले आम दंगे करने और देश को बर्बाद करने की बात कही तो मीडिया ऐसे दुबक कर बैठा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

अकबर ओवैसी हैदराबाद मैं खुले आम देश की तबाही और आतंकवादी हमले की धमकी दे रहा है|जरा निचे दिए गये लिंक को खोलकर विडियो को देखे व् सुने "ये खाकी वर्दी के पुलिस वाले ये नामर्दों की फौज लेके हमको डराना चाह रहे है। मैं फिर चलेंज़ देता हु की पुलिस वालो को हटा दो फिर देखो हम क्या करते है| उनमें हिम्मत नहीं है मुसलमानों से मुकाबला करने की बर्दास्त की हद होती है।अगर जल्दी ही उस मंदिर को नहीं हटाया तो इसके जरिये वो सिर्फ और सिफ इस मुल्क की बर्बादी करना चाहते है।"



Monday, November 5, 2012

सेक्स के भूखे होते हैं भारतीय."----- महेश भट्ट ...

 
 


 सेक्स के भूखे होते हैं भारतीय."----- महेश भट्ट ...
ये बयान है मशहूर फिल्म निर्माता महेश भट्ट का ... जो कितने बड़े सेक्स प्रेमी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की ., भारत में जितनी भी बड़ी बज़ट की फूहड़ फिल्मे बनती है ., वो अधिकांशतः भट्ट कैम्प द्वारा निर्मित की जाती है .... " पोर्न फिल्मो " की अदाकारा " सनी लियोन " को भारतीय फिल्मो में चांस देने का श्रेय भी इन सेक्स प्रेमी
 महाशय को प्राप्त है ....
एक संभ्रांत परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा की उसके परिवार की कोई भी नारी अपना जिस्म दिखाकर लोगो के सामने नाच-गा कर चार पैसे कमाए ..लेकिन इन महाशय की तो औलादे भी काम करती नज़र आती है ... इस नीच ने तो खुद की बेटियों को भारतीय फिल्म सेक्स बाज़ार में उतारा है .... तो फिर कैसे महेश भट्ट कह सकते है की हर आम भारतीय सेक्स के भूखे होते है ....???महेश भट्ट पहले भारत के अतीत में झांक कर देखे ., हमारा गौरवशाली इतिहास इस नीच को बतायेगा की हम भारतीय किस चीज़ के प्रेमी है ...??? सम्पूर्ण विश्व-मानव को ज्ञान बांटने का श्रेय हम भारतीयों को ही प्राप्त है... दुनिया में हुए समस्त आविष्कार की परी-कल्पना और निर्माण हम भारतीयों ने पूर्व में ही कर लिया था ., ये सारी बाते इस महेश भट्ट को दिखाई नहीं देती .....???वैसे भी पाश्चात्य संस्कृति की दें सेक्स और अनर्गल विषयो पर आधारित फिल्मे यदि युवा वर्ग को दिखा-दिखा कर गुमराह किया जाएगा तो युवा-वर्ग गुमराह ही , होंगे .सुधरेंगे नहीं।।।।।धर्म - संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को जाने .और इस जैसे कामी इंसान महेश भट्ट के मुह पर करारा तमाचा जडे .....





Tuesday, June 5, 2012

रणवीर सेना .....



मुखिया राष्ट्रवाद को समर्पित थे  ............







बिहार में उच्च जातियों के संगठन रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह की आरा जिले में गुरुवार सुबह निर्मम हत्या कर दी गई।. रणवीर सेना भारत के बिहार राज्य की एक निजी सेना है जो माओवादियों के खिलाफ हमले करती है. रणवीर सेना की स्थापना 1995 में मध्य बिहार के भोजपुर जिले के गांव बेलाऊर में हुई.दरअसल जिले के किसान भाकपा माले (लिबरेशन ) नामक नक्सली संगठन के अत्याचारों से परेशान थे और किसी विकल्प की तलाश में थेकोई विकल्प मिलने के कारण. ऐसे किसानों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल पर छोटी-छोटी बैठकों के जरिये संगठन की रूपरेखा तैयार की.बेलाऊर के मध्य विद्यालय प्रांगण में एक बड़ी किसान रैली कर रणवीर किसान महसंघ के गठन का ऐलान किया गया.तब खोपिरा के पूर्व मुखिया बरमेश्वर सिंह,बरतियर के कांग्रेसी नेता जनार्दन राय,एकवारी के भोला सिंह,तीर्थकौल के प्रोफेसर देवेन्द्र सिंह,भटौली के युगेश्वर सिंह,बेलाउर के वकील चौधरी ,धनछूहां के कांग्रेसी नेता डॉ.कमलाकांत शर्मा और खण्डौल के मुखिया अवधेश कुमार सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई.इन लोगों ने गांव -गांव जाकर किसानों को माले के अत्याचारों के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए प्रेरित किया.जिस समय रणवीर किसान संघ बना उस वक्त भोजपुर के कई गांवो में भाकपा माले लिबरेशन ने मध्यम और लघु किसानों के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी लगा रखा था. करीब पांच हजार एकड़ जमीन परती पड़ी थी. खेती बारी पर रोक लगा दी गयी थी और मजदूरों को खेतों में काम करने से जबरन रोक दिया जाता था. कई गांवों में फसलें जलायी जा रही थीं और किसानों को शादी-व्याह जैसे समारोह आयोजित करने में दिक्कतें रही थी. इन परिस्थितियों ने किसानों को एकजुट होकर प्रतिकार करने के लिए माहौल तैयार किया.



रणवीर सेनाके संस्थापक रहे ब्रहमेश्वर सिंह ( ब्रहमेश्वर मुखिया ) की हत्या से एक बार फ़िर रणवीर सेना के विषय में लिखा- पढ़ा जा रहा है | ब्रह्मेश्वर मुखिया पिछले साल ही जेल से रिहा हुए थे और मुखिया को जब गिरफ्तार किया गया था तो उनके पास से एक लाल डायरी भी बरामद की गयी थी | उस लाल डायरी को उस दौर में पत्रकार मधुरेश ने अखबरों में खूब छपा था | उन्ही अखबारी कतरनों में काफी -कुछ लिखा था जिससे ब्रह्मेश्वर मुखिया की सोच और रणवीर सेना से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आते हैं |

डायरी बताती है कि मुखिया पर महात्मा गाँधी की यह चर्चित टिप्पणी हावी हैअंग्रजों ने हथियार छिनकर नपुंसक बनाया | डायरी में यह दर्ज भी है | इसी समझ के बूते मुखिया , संगठन कि हथियारबंद जमात पर खासा जोर दिए रहे | डायरी में शुरू में संस्कृत श्लोक लिखा है जिसका भावानुवाद है कि राष्ट्र और समाज को हमेशा जगाये रखेंगे | ‘राजधर्म सरबस इतनोई , जिमी मन माह मनोरथ गोई ‘ ( तुलसीदास ) | और फ़िर सेल्युलोज ग्लिसरीन पर सान्द्र सल्युतिक एसिड की उपस्थिति में सान्द्र नाइट्रिक असिड की प्रतिक्रिया कराने पर विस्फोट होता है | चंद कोड वार्ड भी मौजूद थे डायरी मेंसामूहिक नरसंहार (++) परिवार समेत सफाया ( + ) व्यक्ति सफाया ( ) , विचार के बड सफाया (बी ) सतर्क नजर ( सी) अपनेआप में रहस्यमय अर्थ के लिए ये वाक्य मौत का काफिला कहलाने वाली रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर मुखिया के हैं | जो उन्होंने एक डायरी में दर्ज किये | डायरी में सेना के दोस्त / संरक्षक , दुश्मनों के नामपते , उसके उद्भवविकास , आर्थिकसैन्य स्तरसहयोग आदि पूरी कहानी दर्ज है | डायरी में मायसीन , पोटाश , गंधक , शोर , डेटोनेटर , दूरबीन , बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने कि बात है तो सम्पन्नता . सम्वेदाम्शिलता , समता . ममता , ईमानदारी , वफादारी , शराफत , शक्ति , सामर्थ्य , सुरक्षा शांति सरीखे सुनहरे शब्दों का भी खूब जिक्र है |

चेन आफ लीडरशिप , औरतबच्चों की हत्या से परहेज , भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई , समाज के युवकों की नौकरी का प्रयास | जाहिर तौर पर इन सुपर आर्डर के परखच्चे उड़े | मुखिया ने अपनी कविता में शायद इसी से जुड़ी मजबूरियां बयां की थीशपथ लेना तो सरल है पर निभाना कठिन ; साधना का पाठ कठिन , मद भुलाना कठिन | मुखिया ने लिखान्याय: मम धर्म ; करमुक्त कृषि , भयमुक्त किसान तभी होगा भारत महान |

रणवीर सेना कश्मीर में हिन्दुओं के लिए हिमगिरी प्रदेश चाहती है | उसकी माने तो ऐसा करने पर ही थोक लाशें गिरनी बंद होगी | सेना सुप्रीमो बरमेश्वर मुखिया ने अपनी डायरी में ऐसे कई और अरमान दर्ज कर रखे थे , जो शायद पूरे ना हो | डायरी के कई पृष्ठ जम्मू- कश्मीर को समर्पित हैं | इसमें भारत विभाजन , पर्यटकों कि संख्यां , आतंकी वारदातों , केन्द्रीय अनुदान , प्रति व्यक्ति आय , चुनावयानी सब कुछ दर्ज है | मुखिया ने लिखा हैकश्मीर को दो भागों बंट झेलम के उत्तेरपूर्व के हिस्से को हिन्दुओं का प्रदेश घोषित किया जाए | जम्मू , कठुआ उधमपुर , डोडा पूंछ को मिलाकर हिमगिरी प्रदेश बनाया जाए | लद्दाख केन्द्रशासित प्रदेश बने | डायरी में धारा ३७० के विरोध , सामान नागरिक संहिता की वकालत , राम मंदिर , मथुरा काशी की मुक्ति कि भी बात कही गयी है | यह भी कि रणवीर सेना के उदय पर रिसर्च होगा | इसके लिए जे एन यू के छात्रों से मदद लेने की बात | मंदिर जीर्णोद्धार समिति का गठन कर जर्जर मंदिरों का उन्नयन भी सेना के कार्यकर्मों में है | गाय- सांड का चमड़ा उतरने वाले कसाईयों को दंड देने की बात तो कई जगह दर्ज है | ग्रामीण उत्थान के सूत्रयोजनाओं का ग्रामीणीकरण , गाँवो का औद्योगिकीकरण , उद्योगों का श्रमिकरण , श्रमों का पूंजीकरण , पूँजी का विकेंद्रीकरण | डायरी में मुखिया ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय केएकात्म मानववादको प्रेरक बताया है | डायरी में भगवान परशुराम की यह टिप्पणी दर्ज हैअनीति ही वस्तुत: हिंसा है | शांति कि स्थापना के लिए प्रयुक्त अशांति सराहनीय है | धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए यही कर्म अपनाया जाता रहा है
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