Tuesday, April 24, 2012

बधाई हो !! आखिर धूर्त अभिषेक मनु सिंघवी ने ..संसद की स्थाई समिति एवं कांग्रेस प्रवक्ता पद से तो इस्तीफा दे ही दिया ..........ये कितनी ही नौटंकी कर ले इसके व्यभिचारी कारनामों का दंड तो इसे भोगना ही पडेगा ...............



देश में इस वक्त जब अनौपचारिक आपातकाल जैसे हालात हैं , जहाँ मुख्य धारा का मीडिया जगत कुछ बोलने सुनने को तैयार नहीं है , कल तक सनसनी का भूखा मीडिया आज अचानक जिम्मेदार हो गया है , वही इन्टरनेट जगत मानो जैसे क्रांति लाने को आतुर है , उसे किसी हाई कोर्ट के फैसले की परवाह नहीं , उसे किसी साइबर कानून की फिक्र नहीं , धड़ल्ले से कभी एक पर तो कभी दूसरी वेबसाईट पर उस विडियो को अपलोड कर दिया जा रहा है !!
अभी अभी पता चला है की विडियो में जो महिला वकील साहिबा दिख रही हैं उनको हाई कोर्ट के जज के लिए २०१० में सिफारिश किया जा चुका है , सिफारिश करने वाली हाई कोर्ट की इस अधिशासी समिति में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऐ पी शाह भी थे जो ये सिफारिशें करते ही रिटायर हो गए ! ( जैसा की सामान्यतः होता है )
परन्तु भाग्य से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस कपाडिया ने पांचो सिफारिशें रद्दी के टोकरे में डाल दी , और हाई कोर्ट की अधिशासी समिति को उन नामों पर पुनः विचार के लिए भेज दिया !!
किसी का नाम उछालने का उद्देश्य मेरा नहीं है , पर जिन पाँचों नामों की सिफारिशें की गयी थी , वे हैं - अभिनव वशिष्ट , राजीव विरमानी , अनुसूया सलवान , मीनाक्षी अरोरा , और मनिंदर आचार्य !! इन्ही में से एक वो महिला है जो शायद अपना दावा और मजबूत करवाने सिंघवी जी के पास गयी थीं !
अंत में, मेरे और आपके मन में बार बार ये सवाल आ रहा होगा की क्या ऐसी खबरों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए जो किसी की निजी जिंदगी को ध्वस्त करती हो , तो बार बार मुझे यही जवाब मिलता है की हाँ अगर हमारे देश में जजों की सिफारिशें इस प्रकार होती हों तो मुझे फर्क पड़ता है , और मेरे जैसे हर आम आदमी को फर्क पड़ता है ! इसलिए बोलना तो बनता है !!